मैं मजदूर हु। मैं खुद बेघर भले ही हु पर मुझे ख़ुशी

"मैं मजदूर हु। मैं खुद बेघर भले ही हु पर मुझे ख़ुशी है कि मेरे बनाए घर मे तुम सुरक्षित हो। किसी मौसम की परवाह न कि थी तुम्हारा घर बनाते वक्त चिलमिलाती धूप,कड़कती ठंड,भरी बरसात,सब सहे तुम्हारा घर बनाते वक़्त दो वक्त का खाना भी नही दे पाता था मैं अपने बच्चों को तुम्हारा घर बनाते वक़्त। इंतज़ार करते मेरे आने का सो जाते थे अक्सर देर हो जाती थी घर लौटते वक्त। साहब तुम्हारा घर बनाते वक्त।। mitthu"

 मैं मजदूर हु।
मैं खुद बेघर भले ही हु
पर मुझे ख़ुशी है कि मेरे बनाए घर मे तुम सुरक्षित हो।
किसी मौसम की परवाह न कि थी तुम्हारा घर बनाते वक्त 
चिलमिलाती धूप,कड़कती ठंड,भरी बरसात,सब सहे तुम्हारा घर बनाते वक़्त
दो वक्त का खाना भी नही दे पाता था मैं अपने बच्चों को तुम्हारा घर बनाते वक़्त।
इंतज़ार करते मेरे आने का सो जाते थे अक्सर देर हो जाती थी घर लौटते वक्त।
साहब तुम्हारा घर बनाते वक्त।।
mitthu

मैं मजदूर हु। मैं खुद बेघर भले ही हु पर मुझे ख़ुशी है कि मेरे बनाए घर मे तुम सुरक्षित हो। किसी मौसम की परवाह न कि थी तुम्हारा घर बनाते वक्त चिलमिलाती धूप,कड़कती ठंड,भरी बरसात,सब सहे तुम्हारा घर बनाते वक़्त दो वक्त का खाना भी नही दे पाता था मैं अपने बच्चों को तुम्हारा घर बनाते वक़्त। इंतज़ार करते मेरे आने का सो जाते थे अक्सर देर हो जाती थी घर लौटते वक्त। साहब तुम्हारा घर बनाते वक्त।। mitthu

#Happy labor day..

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