मैं यहाँ, तू वहाँ. अकेलापन, दुरी, तड़प, तन्हाई! क

"मैं यहाँ, तू वहाँ. अकेलापन, दुरी, तड़प, तन्हाई! कुछ रिश्ते निभाने के लिए ये सब सहेना पड़ता है। जिगर_अनामी राइटर ©jigar anami writer"

 मैं यहाँ, तू वहाँ. अकेलापन,
दुरी,
तड़प,
तन्हाई!

कुछ रिश्ते निभाने के लिए ये सब सहेना पड़ता है।

जिगर_अनामी राइटर

©jigar anami writer

मैं यहाँ, तू वहाँ. अकेलापन, दुरी, तड़प, तन्हाई! कुछ रिश्ते निभाने के लिए ये सब सहेना पड़ता है। जिगर_अनामी राइटर ©jigar anami writer

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