गुलामी का एहसास किया आजादी का प्रयास किया जान से | हिंदी Poetry

"गुलामी का एहसास किया आजादी का प्रयास किया जान से प्यारी आजादी जेलों में प्रवास किया। शेर के जैसा जिगरा था सुख दुख से बेफिक्रा था मकसद बस आजादी था संघर्षों का आदी था। ©Vijay Vidrohi"

 गुलामी का एहसास किया 
आजादी का प्रयास किया 
जान से प्यारी आजादी 
जेलों में प्रवास किया।

शेर के जैसा जिगरा था 
सुख दुख से बेफिक्रा था
मकसद बस आजादी था 
संघर्षों का आदी था।

©Vijay Vidrohi

गुलामी का एहसास किया आजादी का प्रयास किया जान से प्यारी आजादी जेलों में प्रवास किया। शेर के जैसा जिगरा था सुख दुख से बेफिक्रा था मकसद बस आजादी था संघर्षों का आदी था। ©Vijay Vidrohi

शहीद भगतसिंह #bhagatsingh hindi poetry on life sad poetry love poetry in hindi urdu poetry poetry quotes

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