जिम्मेदार नागरिक न मंदिर जाता हूँ, न पूजा करता हूँ
न मस्ज़िद जाता हूँ, न नमाज़ पड़ता हूँ
पाक हो जाता हूँ जब तेरे दीदार को पाता हूँ,
फिर चाहे खुदा कुबूल करे ,
हज़ारों में से मेरी कोई एक दुआँ,
मैं उस एक दुआँ में भी तुझे माँग लाता हूँ।।
©Gaurav Bhardwaj
एक मन्नत उस मन्नत के लिए।।