झुकीं नजरें ये सब कर बयां करती है,
कि शायद दर्द किसी अपने ने दिया होगा ।
उनकी निगाहों में एक अजब सी बेचैनी है,
शायद कोई मुसाफिर रास्ता भटक गया होगा ।।
©Raj Pokhriyal
झुकीं नजरें ये सब कर बयां करती है,
कि शायद दर्द किसी अपने ने दिया होगा ।
उनकी निगाहों में एक अजब सी बेचैनी है,
शायद कोई मुसाफिर रास्ता भटक गया होगा ।।