White मै जानता हू खुद को मै मानता हू , रब को सपन | हिंदी कविता

"White मै जानता हू खुद को मै मानता हू , रब को सपने आसमान मे , रखता जमि पे हू रहता पल पल ठोकरो कि, कहानियों को बूनता हर किसिकि नहि , सुनता हिसाब सब का , है रख्खा अपनो का ख्याल तो , अलग से है रख्खा मै जानता हू , खूद को मै मानता हू , रब को ©Ravindra Yewale"

 White मै जानता हू खुद को 
मै मानता हू , रब को 
सपने आसमान मे , रखता 
जमि पे हू रहता
पल पल ठोकरो कि, कहानियों को बूनता 
हर किसिकि नहि , सुनता 
हिसाब सब का , है रख्खा 
अपनो का ख्याल तो , अलग से है रख्खा 

मै जानता  हू , खूद को 
मै मानता हू , रब को

©Ravindra Yewale

White मै जानता हू खुद को मै मानता हू , रब को सपने आसमान मे , रखता जमि पे हू रहता पल पल ठोकरो कि, कहानियों को बूनता हर किसिकि नहि , सुनता हिसाब सब का , है रख्खा अपनो का ख्याल तो , अलग से है रख्खा मै जानता हू , खूद को मै मानता हू , रब को ©Ravindra Yewale

#Sad_Status रब्बी

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