तुमसे जब दूरी बढ़ती है।
मन में बढ़ जाती है हलचल।।
ना चैन सुकून मिलता इसको।
मन को कर देते है बेकल।।
सदियों–सी बीते हर एक घड़ी।
ना विरह का मिलता है कोई हल।।
हालत नाशाद–सी हो जाती है।
बड़ा सताते है ये इंतजार के पल।।
©Rimpi chaube
#इंतज़ारकेपल 🙁
तुमसे जब दूरी बढ़ती है।
मन में बढ़ जाती है हलचल।।
ना चैन सुकून मिलता इसको।
मन को कर देते है बेकल।।
सदियों–सी बीते हर एक घड़ी।
ना विरह का मिलता है कोई हल।।
हालत नाशाद–सी हो जाती है।