खत के छोटे से तराशे में नहीं आएंगे गम ज्यादा हैं | हिंदी कविता Video

"खत के छोटे से तराशे में नहीं आएंगे गम ज्यादा हैं, लिफाफे में नहीं आएंगे। हम ना मजनू है,ना फरहाद के कुछ लगते हैं हम किसी दश्त तमाशे में नहीं आएंगे। मुख्तशर वक्त में यह बात नहीं हो सकती दर्द इतने हैं, खुलाशे में नहीं आएंगे। ©Ansari shahbaj "

खत के छोटे से तराशे में नहीं आएंगे गम ज्यादा हैं, लिफाफे में नहीं आएंगे। हम ना मजनू है,ना फरहाद के कुछ लगते हैं हम किसी दश्त तमाशे में नहीं आएंगे। मुख्तशर वक्त में यह बात नहीं हो सकती दर्द इतने हैं, खुलाशे में नहीं आएंगे। ©Ansari shahbaj

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