आओ हम आगे बढ़े, आओ हम सीढ़ियां चढ़ें। क्यों | हिंदी कविता Video

"आओ हम आगे बढ़े, आओ हम सीढ़ियां चढ़ें। क्यों सोए हो सपनों की गोद में, क्यों रहते हो नकली रोब में। हिंदू हो हिंदुत्व के लिए आगे बढ़ो, 2024 में कठिन परीक्षा है.......... विरोधियों से दिल खोलकर लड़ो। तुम भाजपा के कर्मठ सिपाही हो, हिंदू राष्ट्र रुपी कलम के तुम स्याही हो। जो मिला है पद उसका तुम सम्मान करो, समय, शक्ति और साहस का दान करो। लुप्त होता सनातन का तुम हीं सूनापन हो, तुम हीं वीर बजरंग और तुम हीं पवन हो। आओ हिंदू राष्ट्र के लिए अपने शक्ति को गढ़ें, आओ हम आगे बढ़े, आओ हम सीढ़ियां चढ़ें ।। """"""""'''''"""""""""""'' प्रमोद मालाकार की कलम से। ©pramod malakar "

आओ हम आगे बढ़े, आओ हम सीढ़ियां चढ़ें। क्यों सोए हो सपनों की गोद में, क्यों रहते हो नकली रोब में। हिंदू हो हिंदुत्व के लिए आगे बढ़ो, 2024 में कठिन परीक्षा है.......... विरोधियों से दिल खोलकर लड़ो। तुम भाजपा के कर्मठ सिपाही हो, हिंदू राष्ट्र रुपी कलम के तुम स्याही हो। जो मिला है पद उसका तुम सम्मान करो, समय, शक्ति और साहस का दान करो। लुप्त होता सनातन का तुम हीं सूनापन हो, तुम हीं वीर बजरंग और तुम हीं पवन हो। आओ हिंदू राष्ट्र के लिए अपने शक्ति को गढ़ें, आओ हम आगे बढ़े, आओ हम सीढ़ियां चढ़ें ।। """"""""'''''"""""""""""'' प्रमोद मालाकार की कलम से। ©pramod malakar

#राष्ट्रहित में भाजपा को समर्पित

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