"होती है कैसे मोहब्बत कहा भी न जाये!
बिन पिये जाम ए उल्फत रहा भी न जाये।
दिल ये बेताब सा यूँ हो रहा है मेरा!
दर्द ए दिल की चुभन सहा भी न जाये।
हो कर के दूर हम रह न सकूँ सुन सनम!
थाम ले हाथ मेरा गुजर लम्हा भी न जाये।
रहूँ गमजदा बिछर कर तुमसे जानेवफा!
बीच अपने वक़्त काटे तन्हा भी न जाये।
कर वफ़ा कुछ तो कर न जमाने से डर!
के फ़र्ज़ दोस्ती का यूँ पिन्हा भी न जाये।
होती है कैसे मोहब्बत कहा भी न जाये!
बिन पिये जाम ए उल्फत रहा भी न जाये।
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©DHARAMJEET MAHTO"