ज़रूरी नहीं कि रोज़ उससे बात हो
ज़रूरी नहीं हर रोज़ मुलाक़ात हो
आज नहीं पर कल हो
भागादौड़ी से भरी ज़िंदगी में
बस एक पल का साथ हो
हर बात उससे share करने को
दिल हमेशा बेताब हो
सुक़ून का एहसास हो, हर सवाल का जवाब हो
कहने सुनने के लिए कुछ सोचने की ज़रूरत ना हो
दिल से सीधा होठों पे आए,
जहाँ preface की ज़रूरत ना हो
एक पुराना दोस्त, मानो जैसे कोई आयना
हो, जिसमें मेरा वजूद झलकता हो।
साथ जिसके ख़ुशी दुगनी और दर्द आधा हो,
साथ वो चले तो राह में ना कोई बाधा हो।
©Dips Writeups
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