पंछी हूं तुम्हारे पिंजरे का आज मुझे अपनी मोहब्बत | हिंदी शायरी

"पंछी हूं तुम्हारे पिंजरे का आज मुझे अपनी मोहब्बत से आजाद कर दो बहुत बंदीसे थी तुम्हारी मोहब्बत में इस मोहब्बत की कहानी को यहीं समाप्त कर दो अब कभी लौट कर नहीं आऊंगा तुम्हारे पिंजरे में उस पिंजरे को दफन-ए-खाक कर दो"

 पंछी हूं तुम्हारे पिंजरे का 
आज मुझे अपनी मोहब्बत से 
आजाद कर दो
बहुत बंदीसे थी तुम्हारी मोहब्बत 
में इस मोहब्बत की कहानी को 
यहीं समाप्त कर दो
अब कभी लौट कर नहीं 
आऊंगा तुम्हारे पिंजरे में 
उस पिंजरे को दफन-ए-खाक कर दो

पंछी हूं तुम्हारे पिंजरे का आज मुझे अपनी मोहब्बत से आजाद कर दो बहुत बंदीसे थी तुम्हारी मोहब्बत में इस मोहब्बत की कहानी को यहीं समाप्त कर दो अब कभी लौट कर नहीं आऊंगा तुम्हारे पिंजरे में उस पिंजरे को दफन-ए-खाक कर दो

# पंछी हूं तुम्हारे पिंजरे का
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#loveyouallmydearfrnd

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