एक दरिया के सताए दो किनारे देखिए साथ हो | हिंदी Shayari
"एक दरिया के सताए दो किनारे देखिए
साथ होकर भी जुदाई के हैं मारे देखिए
है मुक़ाबिल इस ज़मीं पर उसके कोई भी नहीं
उसकी आँखें देखिए फिर वो सितारे देखिए
~आशुतोष मिश्रा 'अज़ल'"
एक दरिया के सताए दो किनारे देखिए
साथ होकर भी जुदाई के हैं मारे देखिए
है मुक़ाबिल इस ज़मीं पर उसके कोई भी नहीं
उसकी आँखें देखिए फिर वो सितारे देखिए
~आशुतोष मिश्रा 'अज़ल'