पता नहीं कहाँ चले जा रहे हैं ! क्या हुआ थक गए चलते
"पता नहीं कहाँ चले जा रहे हैं ! क्या हुआ थक गए चलते चलते
अरे उठो अभी तो तुम्हे इस रास्ते को भी पीछे करना है
क्या कहाँ बहुत मुश्किल है
तब तो तु मेरी नजरो मे बुसदिल है
– Vikas Gupta"
पता नहीं कहाँ चले जा रहे हैं ! क्या हुआ थक गए चलते चलते
अरे उठो अभी तो तुम्हे इस रास्ते को भी पीछे करना है
क्या कहाँ बहुत मुश्किल है
तब तो तु मेरी नजरो मे बुसदिल है
– Vikas Gupta