ये पहाड़ नहीं दरक रहे ।।।।। दरक रहा है वो इतिहास | हिंदी विचार

"ये पहाड़ नहीं दरक रहे ।।।।। दरक रहा है वो इतिहास जिसे पृथ्वी ने करोड़ों साल लिखा मानव नाम की जात को पैदा करने के लिए ।।।।।।।।।।।।। हां तो क्या बता रहा था?????? एक उल्का ने पृथ्वी से जीवन खत्म कर दिया फिर दो महाद्वीप टकराए और हिमालय का निर्माण किया इन पहाड़ों से टकरा कर धूल के बादल बारिश करने लगे और पृथ्वी को जीवन लायक बनाया।।।।। फिर मानव पैदा हुआ 🥹 वैसे क्या सच में कैलाश जीवंत हृदय है पृथ्वी में स्पंदन पैदा करता नदियों को जल देता।।।।।।।। हरि ॐ १०.०७.२०२४ ©Ram Yadav"

 ये पहाड़ नहीं दरक रहे ।।।।।


दरक रहा है वो इतिहास
जिसे पृथ्वी ने
करोड़ों साल लिखा

मानव नाम की जात को पैदा करने के लिए ।।।।।।।।।।।।।


हां
तो क्या बता रहा था??????

एक उल्का ने पृथ्वी से जीवन खत्म कर दिया
फिर दो महाद्वीप टकराए
और हिमालय का निर्माण किया
इन पहाड़ों से टकरा कर धूल के बादल बारिश करने लगे
और पृथ्वी को जीवन लायक बनाया।।।।।

फिर मानव पैदा हुआ
🥹


वैसे क्या सच में कैलाश जीवंत हृदय है
पृथ्वी में स्पंदन पैदा करता
नदियों को जल देता।।।।।।।।


हरि ॐ 
१०.०७.२०२४

©Ram Yadav

ये पहाड़ नहीं दरक रहे ।।।।। दरक रहा है वो इतिहास जिसे पृथ्वी ने करोड़ों साल लिखा मानव नाम की जात को पैदा करने के लिए ।।।।।।।।।।।।। हां तो क्या बता रहा था?????? एक उल्का ने पृथ्वी से जीवन खत्म कर दिया फिर दो महाद्वीप टकराए और हिमालय का निर्माण किया इन पहाड़ों से टकरा कर धूल के बादल बारिश करने लगे और पृथ्वी को जीवन लायक बनाया।।।।। फिर मानव पैदा हुआ 🥹 वैसे क्या सच में कैलाश जीवंत हृदय है पृथ्वी में स्पंदन पैदा करता नदियों को जल देता।।।।।।।। हरि ॐ १०.०७.२०२४ ©Ram Yadav

#अध्यात्म #भारत #पर्यावरण #हिमालय

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