ज़िन्दगी की तबीयत कुछ यूं बिगड़ी है,
कि कोई दवा ,मरहम भी ना लगती है,
क्या करे ये मरीज़ अकेला ,
जिसे सारी बीमारियां अपनी सी लगती है।
ज़िन्दगी की तबीयत कुछ यूं बिगड़ी है,
कि कोई दवा ,मरहम भी ना लगती है,
क्या करे ये मरीज़ अकेला ,
जिसे सारी बीमारियां अपनी सी लगती है।
#LostTracks