White ए मेरे वतन,
मेरे प्यारे चमन।
सबसे बडा चैन मेरा,तुझको पाना है,
फिर कौन है ये?
चैन सुकून के वादे देते है बार हैं?
तू मेरा-मै तेरा,
फिर क्यूं ये अधिकारी ,
क्यूं ये सरकार है?
सुना है पिता की तरह है,
फिर ये एजेंट क्यू जरूरी है?
ये बढा रहे मित तुझसे मेरी दूरी है।
मै तेरा तू मेरा संचालक
फिर ये कौन है?
जो बनते तेरे चालक
तुझसे तेरा खाके गद्दारी कर रहे है लोग
जब सीधा संबंध है तेरा मेरा,
तो फिर क्यूं बिचोलियापन कर रहे हैं लोग।
पूछ इनसे!
जो तेरे कर्ता धरता बनते हैं।
क्यों ये धर्म-जाति के किस्से ठनते हैं।
क्या जन्म?
क्या कुल क्या जाति है,जब हम तेरे वासी है?
तो क्यों बांट रहे है हमको,वर्गों जातें में?
उनको बता!
अलग रक्त नहीं सबके गातों में।
जला के भाव,जज्बात और विचारों का चुल्हे,
अपनी-अपनी सेंक के खाते हैं।
क्या जाती ने दिया उनको? जो पसीने की खाते है?
पूछ उनसे,
तेरे एजेंट बनते हैं तेरी औलाद से बात कराने के।
जब तुम मेरे हो,तो क्यों करते हो दंगे,फंसाद और तराने से।।
©Jorwal
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