जितना फलों के छिलके उतरते हैं इतना तो बम बारूद अपने अंदर आग से बैठे हुए हैं इतना शांत कम रहते हैं क्रोध उठ गया तो दुनिया जल जाएगी शांत रहा तो खुद जल जाऊंगा और जिंदगी बीत जाने के बाद लकड़ियों के जल जाऊंगा यही मेरी जिंदगी है जो मोहब्बत और क्रोध को शांति बनाए रहती है क्रोध में नाले हो किसी दुश्मन को नाम बम बारूद तो हमारी आंखें ही छोड़ देती है दुनिया को शांति का प्रेम का थोड़ा चलेगा दुनिया सिखाना चाहते हैं खुशी से शांति से प्रेम चढ़ाया
©Jay Jawan Jai Kisan Ekta888
से किया सिखाया अपने आंखों से संसार को बताएं