था कोई जिसे बहुत माना था! मेरे टूटे हुए टुकड़ों को | हिंदी Shayari Vid

"था कोई जिसे बहुत माना था! मेरे टूटे हुए टुकड़ों को समेट, जिसने एक एक करके जोड़ा था! मेरे चेहरे पे हसीं लाया,मुझे बेवजह खुश रहना सिखाया था मुझे रोता देख उसका भी गला नम हो जाया करता था! कभी प्यार नहीं जताया गलियों से ही मनाया करता था उसने मुझे कभी हक नहीं दिया फिर भी मैंने हर बार दिखाया था! मनाना नहीं आता उसको मुझे,पर मुझे रूठने भी नहीं दिया करता था! दिला दिया करती थी बात बात पर गुस्सा,सुना दिया करती थी मनचाहा फिर भी कभी मुझको इग्नोर नही किया करता था! उससे बोलने के लिए कुछ सोचना नहीं पड़ता था, था एक वक्त ऐसा भी जब वो मेरी हर बकवास बड़े आराम से सुना करता था! उसको देख मैने फिर से भरोसा करना सीखा था, वो मेरा आखिरी विश्वास था! वो नहीं जानता मैने उसको कितना ख़ास माना था, अपना नहीं था वो लेकिन मैंने उसको अपनो से भी ज्यादा माना था! उससे एक अतरंगी सा रिश्ता था... वो प्यार नहीं यार था मेरा! हां अब सब बदल गया, अब समेटने को टुकड़े तक नहीं बचे! आखिरी विश्वास भी टूट गया मेरा, अब कोई ख्वाब नहीं बचे! 🥀❤️‍🩹 ©Alfaazdeepali deep "

था कोई जिसे बहुत माना था! मेरे टूटे हुए टुकड़ों को समेट, जिसने एक एक करके जोड़ा था! मेरे चेहरे पे हसीं लाया,मुझे बेवजह खुश रहना सिखाया था मुझे रोता देख उसका भी गला नम हो जाया करता था! कभी प्यार नहीं जताया गलियों से ही मनाया करता था उसने मुझे कभी हक नहीं दिया फिर भी मैंने हर बार दिखाया था! मनाना नहीं आता उसको मुझे,पर मुझे रूठने भी नहीं दिया करता था! दिला दिया करती थी बात बात पर गुस्सा,सुना दिया करती थी मनचाहा फिर भी कभी मुझको इग्नोर नही किया करता था! उससे बोलने के लिए कुछ सोचना नहीं पड़ता था, था एक वक्त ऐसा भी जब वो मेरी हर बकवास बड़े आराम से सुना करता था! उसको देख मैने फिर से भरोसा करना सीखा था, वो मेरा आखिरी विश्वास था! वो नहीं जानता मैने उसको कितना ख़ास माना था, अपना नहीं था वो लेकिन मैंने उसको अपनो से भी ज्यादा माना था! उससे एक अतरंगी सा रिश्ता था... वो प्यार नहीं यार था मेरा! हां अब सब बदल गया, अब समेटने को टुकड़े तक नहीं बचे! आखिरी विश्वास भी टूट गया मेरा, अब कोई ख्वाब नहीं बचे! 🥀❤️‍🩹 ©Alfaazdeepali deep

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