सुबह सबेरे न देखूँ तुमको,
तो यह सुबह सताती है,
और रात यहाँ होंने से पहले,
जो मैं तुमको न देखूँ,
तो सारी रात बेचैन रहूँ,
और आँखे नींद न पाती हैं,
अब दिन से सारी रात का लम्बा,
तुमने तो यह काट लिया,
मैं सफ़र यहाँ कैसे काँटू,
समझ नहीं आता है मुझको,
और तू भी न मुझे बताती है।।
Surjeet
#Fire