ऐसी भी क्या मजबूरी है... क्या अभी जाना जरूरी है... | हिंदी Love

"ऐसी भी क्या मजबूरी है... क्या अभी जाना जरूरी है... पास बैठो न...बातें तो अभी अधूरी है... अभी तो मयकश बाकी है..उन आंखों की जो भूरी है... दीदार सब्र भर कर लूं...उस सूरत की जो नूरी है.... ऐसी भी क्या मजबूरी है... क्या अभी जाना जरूरी है... ©Kunal Priydarshan"

 ऐसी भी क्या मजबूरी है...
क्या अभी जाना जरूरी है...
पास बैठो न...बातें तो अभी अधूरी है...
अभी तो मयकश बाकी है..उन आंखों की जो भूरी है...
दीदार सब्र भर कर लूं...उस सूरत की जो नूरी है....
ऐसी भी क्या मजबूरी है...
क्या अभी जाना जरूरी है...

©Kunal Priydarshan

ऐसी भी क्या मजबूरी है... क्या अभी जाना जरूरी है... पास बैठो न...बातें तो अभी अधूरी है... अभी तो मयकश बाकी है..उन आंखों की जो भूरी है... दीदार सब्र भर कर लूं...उस सूरत की जो नूरी है.... ऐसी भी क्या मजबूरी है... क्या अभी जाना जरूरी है... ©Kunal Priydarshan

थोड़ी देर और रुक जाओ न....@kunalpriydarshan #kunalpriydarshan #mukaqat #belived #Hindi #shyari #hindishayri #hindiwriter #nojoto #

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