मैं आवाज़ देकर लौट आया था उस दिन।।।। अब रोज़ तेरी पु | हिंदी शायरी
"मैं आवाज़ देकर लौट आया था उस दिन।।।।
अब रोज़ तेरी पुरानी चिठियो को ,
नए लिफाफों में भर रहा हूं।।।।।।।
लोग कहते है, पेड़ो के पत्ते झड़ रहे है,,,
पर में तो तह्नियो पे मर रहा हूं।।।।।।"
मैं आवाज़ देकर लौट आया था उस दिन।।।।
अब रोज़ तेरी पुरानी चिठियो को ,
नए लिफाफों में भर रहा हूं।।।।।।।
लोग कहते है, पेड़ो के पत्ते झड़ रहे है,,,
पर में तो तह्नियो पे मर रहा हूं।।।।।।