कदमो कदमो पर लिखे हुए, वो तेरे तारीफ के लब्ज, आज | हिंदी शायरी
"कदमो कदमो पर लिखे हुए,
वो तेरे तारीफ के लब्ज,
आज यु कदमो मे तेरे गिरते देखे....
लब्ज गिरे या फिर तू...???
ये बात बस एक राझ सा बनकर रह गई...
#NSP's Poetry"
कदमो कदमो पर लिखे हुए,
वो तेरे तारीफ के लब्ज,
आज यु कदमो मे तेरे गिरते देखे....
लब्ज गिरे या फिर तू...???
ये बात बस एक राझ सा बनकर रह गई...
#NSP's Poetry