बरस जा तू ईन हवाओ के संग तेरी बारिश मे भीग जाऊ मै | हिंदी कविता

"बरस जा तू ईन हवाओ के संग तेरी बारिश मे भीग जाऊ मैं सजदा तो तेरा हर रोज करू मैं तुझसे मिलने की ख्वाहिश बहुत है ख्वाबों के दरिया मे डूब रहा मैं इस सफर का किनारा बता तू कहा है मुक्कमल जो इश्क मेरा था वो तेरे दर पे क्यु रो रहा है.... ©Karanjeet Sawariyan"

 बरस जा तू ईन हवाओ के संग 
तेरी बारिश मे भीग जाऊ मैं 

सजदा तो  तेरा हर रोज करू मैं 
तुझसे मिलने की ख्वाहिश बहुत है 

ख्वाबों के दरिया मे डूब रहा मैं 
इस सफर का किनारा  बता तू कहा है 

मुक्कमल जो इश्क मेरा था 
वो तेरे दर पे क्यु रो रहा है....

©Karanjeet Sawariyan

बरस जा तू ईन हवाओ के संग तेरी बारिश मे भीग जाऊ मैं सजदा तो तेरा हर रोज करू मैं तुझसे मिलने की ख्वाहिश बहुत है ख्वाबों के दरिया मे डूब रहा मैं इस सफर का किनारा बता तू कहा है मुक्कमल जो इश्क मेरा था वो तेरे दर पे क्यु रो रहा है.... ©Karanjeet Sawariyan

बारिश

#MumbaiRains

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