सूखे पत्तो को धुप मे शजर समझता है और मा को राह का पत्थर समझता है छोड़कर मा बाप को वृधा आश्रम मे नासमझ दिवारो को अपना घर समझता है. मेरी आà¤à¤–ों में देखकर तू क़भी कà¥à¤› पॠन सका ,, तà¥à¤. मेरी आà¤à¤–ों में देखकर तू क़भी कà¥à¤› पॠन सका ,, तà¥à¤à¤¸à¥‡ हà¤à¤¸à¤•à¤° अलविदा लेने में मेरा मक़सद कà¥à¤¯à¤¾ था ।। -- NIRMAL PATEL आà¤à¤–ों का गम Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto