White अश्क भरे पड़े है किनारे तक पर छलका नही सकते। | हिंदी Shayari

"White अश्क भरे पड़े है किनारे तक पर छलका नही सकते। दिल रोना चाहे जार जार पर चिला नही सकते। जिंदगी निकल रही है इसी कश्मकश में और मुस्कराने के लिए खुद को मना नही सकते। ©Ramnik"

 White अश्क भरे पड़े है किनारे तक पर छलका नही सकते।
दिल रोना चाहे जार जार पर चिला नही सकते।
जिंदगी निकल रही है इसी कश्मकश में और मुस्कराने के लिए खुद को मना नही सकते।

©Ramnik

White अश्क भरे पड़े है किनारे तक पर छलका नही सकते। दिल रोना चाहे जार जार पर चिला नही सकते। जिंदगी निकल रही है इसी कश्मकश में और मुस्कराने के लिए खुद को मना नही सकते। ©Ramnik

#कश्मकश

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