में जाऊँ कब्रिस्तान या ले आऊ राख समशान की
खुदा के तो बस मे ना रहा क्या करू अब इबादत शैतान की
सब कुछ कर दु फ़ना उस पर या उठा लू मिट्टी उसके पांव की
क्या करू इशक मेरा मुकम्मल हो जाए
कोई बता दो ईलाज मुझे की या तो उसे भूल जाऊँ
या वो शख्स मेरा हो जाए
©Mohamad Vishal ali
#coldnights