जेब है फट गई ..गिर गए सारे रिश्ते,
इंसानियत बिक गई वहसीपन के बाजार में,
विषिपत समाज के विषिपत लोग,
लाज_ शर्म घोलकर भी पी गए संसार में!!
कब तक ?
दरिंदगी का शिकार होती रहेगी,
कब रुकेगा घिनौने वहिषयने खेल नंगा नाच।।
न जाने और कितनी मासूमों की बली और चढ़ाई जाएगी,
आज यह है..
तो न जाने कब किसकी बारी आएगी।।
सोच कर उसे भयानक दरिंदगी को रूह भी छटपटाती है,
चलते_ फिरते जिस्मों से भी सड़ी मानसिकता की गंदी बास आती है,
कुंठित समाज के लोग जागेंगे नहीं।
क्योंकि अभी रात है बाकी ,
तैयार हो जाते हैं पल में कैंडल जलाने को कुछ दिनों
बाद जब एक और प्रियंका है, जल जाती!!😔🥹🙏
बाद
©Mau Jha
#Anhoni