जेब है फट गई ..गिर गए सारे रिश्ते, इंसानियत बिक ग | हिंदी Quotes

"जेब है फट गई ..गिर गए सारे रिश्ते, इंसानियत बिक गई वहसीपन के बाजार में, विषिपत समाज के विषिपत लोग, लाज_ शर्म घोलकर भी पी गए संसार में!! कब तक ? दरिंदगी का शिकार होती रहेगी, कब रुकेगा घिनौने वहिषयने खेल नंगा नाच।। न जाने और कितनी मासूमों की बली और चढ़ाई जाएगी, आज यह है.. तो न जाने कब किसकी बारी आएगी।। सोच कर उसे भयानक दरिंदगी को रूह भी छटपटाती है, चलते_ फिरते जिस्मों से भी सड़ी मानसिकता की गंदी बास आती है, कुंठित समाज के लोग जागेंगे नहीं। क्योंकि अभी रात है बाकी , तैयार हो जाते हैं पल में कैंडल जलाने को कुछ दिनों बाद जब एक और प्रियंका है, जल जाती!!😔🥹🙏 बाद ©Mau Jha"

 जेब है फट गई ..गिर गए सारे रिश्ते, 
इंसानियत बिक गई वहसीपन के बाजार में, 
विषिपत समाज के विषिपत लोग,
लाज_ शर्म घोलकर भी पी गए संसार में!!
कब तक ? 
दरिंदगी का शिकार होती रहेगी, 
कब रुकेगा घिनौने वहिषयने  खेल नंगा नाच।।
न जाने और कितनी मासूमों की बली और चढ़ाई जाएगी,
आज यह है..
 तो न जाने कब किसकी बारी आएगी।।
सोच कर उसे भयानक दरिंदगी को रूह  भी छटपटाती है,
चलते_ फिरते जिस्मों से भी सड़ी मानसिकता की गंदी बास आती है,
कुंठित समाज के लोग जागेंगे नहीं। 
क्योंकि अभी रात है बाकी ,

तैयार हो जाते हैं पल में कैंडल जलाने को कुछ दिनों 
बाद जब एक और प्रियंका है, जल जाती!!😔🥹🙏
बाद

©Mau Jha

जेब है फट गई ..गिर गए सारे रिश्ते, इंसानियत बिक गई वहसीपन के बाजार में, विषिपत समाज के विषिपत लोग, लाज_ शर्म घोलकर भी पी गए संसार में!! कब तक ? दरिंदगी का शिकार होती रहेगी, कब रुकेगा घिनौने वहिषयने खेल नंगा नाच।। न जाने और कितनी मासूमों की बली और चढ़ाई जाएगी, आज यह है.. तो न जाने कब किसकी बारी आएगी।। सोच कर उसे भयानक दरिंदगी को रूह भी छटपटाती है, चलते_ फिरते जिस्मों से भी सड़ी मानसिकता की गंदी बास आती है, कुंठित समाज के लोग जागेंगे नहीं। क्योंकि अभी रात है बाकी , तैयार हो जाते हैं पल में कैंडल जलाने को कुछ दिनों बाद जब एक और प्रियंका है, जल जाती!!😔🥹🙏 बाद ©Mau Jha

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