रोना तो बहुत चाहता हूं दोस्त मैं,पर
मेरे आंख से आंशु नहीं निकल रहा ।
सोना तो चाहता हूं चैन की नींद,लेकिन
किसी की याद बहुत सता रहा ।
माना की किसी से रोज बात करना
और बात करना छोड़ देना गलत है ।
यूं तो मुलाकात होती थी और बात भी,
मगर एक दूसरे से मूंह मोड़ लेना भी गलत है ।
वैसे वो सुंदर भी है, संस्कारी भी और प्यारी भी,
ये मोहब्बत खुशियों का पिटारी है और बिमारी भी ।
©_Ram_Laxman_
रोना तो बहुत चाहता हूं दोस्त मैं,पर
मेरे आंख से आंशु नहीं निकल रहा है ।
सोना तो चाहता हूं चैन की नींद,लेकिन
किसी की याद बहुत सता रहा है ।
माना की किसी से रोज बात करना
और बात करना छोड़ देना गलत है ।