अरे जो मेरी ना हो सकी उसकी क्या होगी
अब भले कुछ वक्त के लिए किसी गैर का दिल बहल जाए तो फर्क नहीं पड़ता
एक वक्त था जब तुझको प्यार करता था...
खैर अब ना तुझसे नफरत है ना मोहब्बत है कोई गिला शिकवा नहीं है
ना कुछ अनसुना है ना कुछ अनकहा है बचा कोई सिलसिला नहीं है ..
महज इन दिल में बचा है जिक्र तेरा
और सुन ले इतना ताल्लुक भी खत्म हो जाए तो फर्क नहीं पड़ता....
एक वक्त था जब तुझको प्यार करता था...