White गुरुवर के आशीष से, लिखें छंद नवगीत। सरस म | हिंदी शायरी Video

"White गुरुवर के आशीष से, लिखें छंद नवगीत। सरस मधुर हो गीत तो, पढ़ते नित मनमीत।। शत- शत वंदन गुरु तुम्हें, निशिदिन करूँ प्रणाम- कृपा हाथ मम शीश हो, बनी रहे यह प्रीत।। गुरुजन से ही सीखते, भावों के उद्गार। मंद मूढ मुझ सा कहाँ, गुरु पग रज दे तार।। उदित हुए हैं भाग्य तब, मिला जगत में मान- पग रज सिर पर नित सजा, करूँ व्यक्त आभार।। सुनीता सिंह सरोवर ©Sunita Singh "

White गुरुवर के आशीष से, लिखें छंद नवगीत। सरस मधुर हो गीत तो, पढ़ते नित मनमीत।। शत- शत वंदन गुरु तुम्हें, निशिदिन करूँ प्रणाम- कृपा हाथ मम शीश हो, बनी रहे यह प्रीत।। गुरुजन से ही सीखते, भावों के उद्गार। मंद मूढ मुझ सा कहाँ, गुरु पग रज दे तार।। उदित हुए हैं भाग्य तब, मिला जगत में मान- पग रज सिर पर नित सजा, करूँ व्यक्त आभार।। सुनीता सिंह सरोवर ©Sunita Singh

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