विष व्याधियों की तप्त ज्वाल में हरपल दहना पड़ता है, | हिंदी Life
"विष व्याधियों की तप्त ज्वाल में हरपल दहना पड़ता है,
दुःख दर्द से सुसज्जित महलों में हरदम रहना पड़ता है ।
चुनते है जो राह सत्यव्रत और सत्कर्म के उत्थान की
फूलों की सेज नही मिलती, उन्हें कष्ट सहना पड़ता है ।"
विष व्याधियों की तप्त ज्वाल में हरपल दहना पड़ता है,
दुःख दर्द से सुसज्जित महलों में हरदम रहना पड़ता है ।
चुनते है जो राह सत्यव्रत और सत्कर्म के उत्थान की
फूलों की सेज नही मिलती, उन्हें कष्ट सहना पड़ता है ।