"उम्मीदे-इकरार पर चल रही है
मुहब्बत उधार पर चल रही है
एक अच्छे खासे चारागर की
जिंदगी बीमार पर चल रही है
कोई जमीं पर फिसल रहा है
छिपकली दीवार पर चल रहीं है
कौन फूल तोड़ने आने वाला है
कैंची क्यों ख़ार पर चल रही है
इस बार भी वो चिमटा ले न सका
सेल त्योहार पर चल रही है
©Suraj Goswami"