बिल्कुल नहीं...!
सुबह होते अंधेरा छट ही जाएगा,तो क्या मैं ये जलते दिए बुझा दूं..
बिल्कुल नहीं...!
दुखों से भरी है ये मेरी जिंदगी,तो क्या गम की दौलत मुफ्त लुटा दूं..
बिल्कुल नहीं...!
तूने तो मुझे भुला ही दिया है, तो क्या मैं भी तेरी याद मिटा दूं..
बिल्कुल नहीं...!
सुना है रोने से दिल हल्का होता है,तो क्या अश्कों में ये दर्द बहा दूं..