जब कोई नहीं होता आसपास तो आप अकेला महसूस करते हो, अकेले होने के डर से लड़ते हो, अपना ही मन खुद ख़राब कर लेते हो,
वज़ह बस इतनी ही होती है, आप खुद के साथ वक्त बिताने से कतराते हो। अपने सच से भागने की कोशिश में लगे रहते हो।
और जूठ में जीने को ही अपनी ज़िंदगी मान बैठे हो।
ज़िंदगी तुम्हारी है, और किए हुए choices भी।
जूठ भी तुम्हरा है और सच भी।
डर भी तुम्हरा है और वक्त भी।
भीड़ में भी तू ही है, और अकेला भी।
जानता भी सब ही है, फिर भी अंजान भी।
लड़ भी अंदर से तू ही रहा, फिर भी बाहर से शांत भी।
जब कोई नहीं होता आसपास तो आप अकेला महसूस करते हो,
अकेले होने के डर से लड़ते हो,
अपना ही मन खुद ख़राब कर लेते हो,
वज़ह बस इतनी ही होती है,
आप खुद के साथ वक्त बिताने से कतराते हो। अपने सच से भागने की कोशिश में लगे रहते हो।
और जूठ में जीने को ही अपनी ज़िंदगी मान बैठे हो।
ज़िंदगी तुम्हारी है,
और किए हुए choices भी।