Alone #मां# रास्तो की कोई मंजिल ना होती, अगर डगर | हिंदी Shayari
"Alone #मां#
रास्तो की कोई मंजिल ना होती,
अगर डगर मे तेरा साथ न होता।
कहां मुनासिफ होता मां हमको इतना भी,
अगर मेरी उंगली को पकड़ने मे
तेरा हाथ न होता।
Love u maa
Roshan kalia"
Alone #मां#
रास्तो की कोई मंजिल ना होती,
अगर डगर मे तेरा साथ न होता।
कहां मुनासिफ होता मां हमको इतना भी,
अगर मेरी उंगली को पकड़ने मे
तेरा हाथ न होता।
Love u maa
Roshan kalia