दिन के किसी भी पहर में ही सही
मेरी आवाज़ उसके जहन से टकराती तो हैं जरूर
जुबां से ना कहे तो न सही
मेरी याद उसे भी आती तो है जरूर
इस उलझन से भरी जिंदगी में
एक मेरा ख्याल सुकून देता तो है जरूर
बस आंखें ही तो बंद करनी है
दिल में मुस्कुराता चेहरा नजर आता तो है जरूर
फुरसत न मिली तो न सही
कुछ पलों की महक ख्यालों से मेरी आती तो है जरूर
जुबां से ना कहे तो न सही
मेरी याद उसे भी आती तो है जरूर
©तृप्ति
#याद