White हां जब तन्हा होता हूं, जब भीड़ में खोया होता हूं
जब जमीं पे अपनी पहचान ढूंढता हूं
गुमशुदा होता हूं
जिन पर खुद को कुर्बान करने वालो के रंग देखता हूं
हां तुझे सिद्दत से याद करता हूं,तुझे हर रोज ढूंढता हू
मेरे तेरे वो सिक्के शायद हम दोनो के थे ना
मेरी तेरी साइकल शायद एक दूसरे कि थी ना
मेरे तेरे कपड़े भी शायद एक दूसरे के थे ना
अब अलग अलग सब है, धुंआ धुआं सब है
पर अपने कंधों पे तेरा आज भी हाथ ढूंढता हूं
हां तुझे सिद्दत से याद करता हूं,तुझे हर रोज ढूंढता हूं
तुझे ढूंढता हूं बेबसी में,गमों में,अश्कों में,हर जज्बो में
तुझे बयां करता हूं,अकेले में,तन्हाई में
चंद किताबी पन्नों में
तुझे ढूंढता हूं अश्क बाटने के चंद संजीदा पलों में
हर रोज सबको देखता हूं ,सुनता हूं,ढूंढता हूं तुझे अपने लब्जो में
हां तुझे सिद्दत से याद करता हूं,तुझे हर रोज ढूंढता हूं
राजीव
©samandar Speaks
#Sad_Status अंजान @Mukesh Poonia @Radhey Ray @Gautam Kumar Richa Rai ( गूंज )