White जब हारने मे ही, मजा हो तो जितने कि, ख्वाहिश | हिंदी Poetry

"White जब हारने मे ही, मजा हो तो जितने कि, ख्वाहिश ही क्यों हो बिना मांगे ही, मिल जाए अगर तो पाने की, फरमाइश ही क्यों हो और जब जीना ही है, आपके लिए फिर शिकायत की, गुंजाईश ही क्यों हो ©Singh Vikash"

 White जब हारने मे ही, मजा हो 
तो जितने कि, ख्वाहिश ही क्यों हो 
बिना मांगे ही, मिल जाए अगर 
तो पाने की, फरमाइश ही क्यों हो 
और जब जीना ही है, आपके लिए 
फिर शिकायत की, गुंजाईश ही क्यों हो

©Singh Vikash

White जब हारने मे ही, मजा हो तो जितने कि, ख्वाहिश ही क्यों हो बिना मांगे ही, मिल जाए अगर तो पाने की, फरमाइश ही क्यों हो और जब जीना ही है, आपके लिए फिर शिकायत की, गुंजाईश ही क्यों हो ©Singh Vikash

#sad_shayari poetry in hindi

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