लगायी आग से , केवल जंगल नहीं जलते। हवा के ज़ोर से | हिंदी Shayari

"लगायी आग से , केवल जंगल नहीं जलते। हवा के ज़ोर से , केवल चराग नहीं जलते । फैल जाती है, आग , केवल बर्गलाने से , ज़हर दिल में नहीं होते, तो हम दंगे नहीं करते । ©Anant"

 लगायी आग से , 
केवल जंगल नहीं जलते।
हवा के ज़ोर से , 
केवल चराग नहीं जलते ।
फैल जाती है, आग , 
केवल बर्गलाने से ,
ज़हर दिल में नहीं होते, 
तो हम दंगे नहीं करते ।

©Anant

लगायी आग से , केवल जंगल नहीं जलते। हवा के ज़ोर से , केवल चराग नहीं जलते । फैल जाती है, आग , केवल बर्गलाने से , ज़हर दिल में नहीं होते, तो हम दंगे नहीं करते । ©Anant

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