आप जितनी काबिल नही मैं, ना ही कोई बड़ी विद्वान मैं | English Poetry

"आप जितनी काबिल नही मैं, ना ही कोई बड़ी विद्वान मैं, माना है शब्द सरल मेरे, मगर लिखती हूं जो भी मैं, आपके समक्ष लाती हूं दिल से। शब्दों की गलती ना खोजो, हृदय की भाषा को तुम समझो। सीखने की उम्र पड़ी है, मिले कोई जो सिखाए सही से। धन्यवाद 🙏 ©Heer"

 आप जितनी काबिल नही मैं,
ना ही कोई बड़ी विद्वान मैं, 
माना है शब्द सरल मेरे,
मगर लिखती हूं जो भी मैं,
आपके समक्ष लाती हूं दिल से। 
शब्दों की गलती ना खोजो, 
हृदय की भाषा को तुम समझो। 
सीखने की उम्र पड़ी है,
मिले कोई जो सिखाए सही से। 
धन्यवाद 🙏

©Heer

आप जितनी काबिल नही मैं, ना ही कोई बड़ी विद्वान मैं, माना है शब्द सरल मेरे, मगर लिखती हूं जो भी मैं, आपके समक्ष लाती हूं दिल से। शब्दों की गलती ना खोजो, हृदय की भाषा को तुम समझो। सीखने की उम्र पड़ी है, मिले कोई जो सिखाए सही से। धन्यवाद 🙏 ©Heer

लिखना मुझे नही आता मगर जो भी लिखती हूं दिल से लिखती हूं, दिमाग की चालाकी से मैं सदेव दूर ही रहती हूं। 🙏😃

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