ह्रदय बिचारति बारहिं बारा, कवन भाँति लंकापति मारा।

"ह्रदय बिचारति बारहिं बारा, कवन भाँति लंकापति मारा। अति सुकुमार जुगल मम बारे, निशाचर सुभट महाबल भारे।। अर्थ:  जब श्रीरामचंद्रजी रावण का वध करके वापस अयोध्या लौटते हैं, तब माता कौशल्या अपने हृदय में बार-बार यह विचार कर रही हैं कि इन्होंने रावण को कैसे मारा होगा। मेरे दोनों बालक तो अत्यंत सुकुमार हैं और राक्षस योद्धा तो महाबलवान थे। इस सबके अतिरिक्त लक्ष्मण और सीता सहित प्रभु राम जी को देखकर मन ही मन परमानंद में मग्न हो रही हैं। ©SATYA PRAKASH"

 ह्रदय बिचारति बारहिं बारा,
कवन भाँति लंकापति मारा।
अति सुकुमार जुगल मम बारे,
निशाचर सुभट महाबल भारे।।


अर्थ:  जब श्रीरामचंद्रजी रावण का वध करके वापस अयोध्या लौटते हैं, तब माता कौशल्या अपने हृदय में बार-बार यह विचार कर रही हैं कि इन्होंने रावण को कैसे मारा होगा। मेरे दोनों बालक तो अत्यंत सुकुमार हैं और राक्षस योद्धा तो महाबलवान थे। इस सबके अतिरिक्त लक्ष्मण और सीता सहित प्रभु राम जी को देखकर मन ही मन परमानंद में मग्न हो रही हैं।

©SATYA PRAKASH

ह्रदय बिचारति बारहिं बारा, कवन भाँति लंकापति मारा। अति सुकुमार जुगल मम बारे, निशाचर सुभट महाबल भारे।। अर्थ:  जब श्रीरामचंद्रजी रावण का वध करके वापस अयोध्या लौटते हैं, तब माता कौशल्या अपने हृदय में बार-बार यह विचार कर रही हैं कि इन्होंने रावण को कैसे मारा होगा। मेरे दोनों बालक तो अत्यंत सुकुमार हैं और राक्षस योद्धा तो महाबलवान थे। इस सबके अतिरिक्त लक्ष्मण और सीता सहित प्रभु राम जी को देखकर मन ही मन परमानंद में मग्न हो रही हैं। ©SATYA PRAKASH

माँ

#NojotoRamleela

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