काफी दिनों से मै बाजार नहीं गया इसीलिए मेरी जीन्स पड़ी पड़ी गंदी हो चुकी थी। तभी मां ने उसे धोने के लिए निकाला और उसमे पड़ा बटुआ मुझे दे दी। मै उस बटुआ को काफी दिनों बाद खोला ,और आपकी तस्वीर नजर आयी और फिर अचानक मुझे आपके ना होने का एहसास फिर दिला दी। ऐसे तो रोज़ याद आता है आपका लेकिन में तारों से गुफ्तगू करके संभाल लेता हूं खुद को। लेकिन इस बार आपके यादों ने यादो के साथ साथ आंसू भी लाए । पापा आपको पता आपके जाने से थोड़ा जिद्दी जो गया हूं बहुत कोशिश करता हूं खुद को संभालने को लेकिन कभी कभी नहीं