White जानती हो पूनम का चांद भी
उतना नही चमकता है
जितना चमक उठता है
मेरा चेहरा तुम्हें देख भर लेनें से
हवाओं की शीतलता,बारिश की बूंदे
भी उतना शीतल नही कर पाती
जितना शीतल हो जाता है मन
तुम्हें यादों में छू लेने से
मीठी मुस्कान जब सजती है
सुर्ख अधरों पर तुम्हारे
प्रेमांकुर प्रस्फुटित हो उठते हैं
तुम्हें बस अंक में भर लेने से
सहज सरल रूप तेरा
कर दे सम्मोहित किसी को भी
हम तो फिरे है आज तलक
सिर्फ़ तेरा ही हो लेने को
©Ankur tiwari
#moon_day
जानती हो पूनम का चांद भी
उतना नही चमकता है
जितना चमक उठता है
मेरा चेहरा तुम्हें देख भर लेनें से
हवाओं की शीतलता,बारिश की बूंदे
भी उतना शीतल नही कर पाती
जितना शीतल हो जाता है मन