नारी हे सुंदरता की देवी हुस्न से इसे संवारा है को | हिंदी कविता

"नारी हे सुंदरता की देवी हुस्न से इसे संवारा है कोमल तन और शुद्ध मन से दुनिया में इसे उतारा है प्रेम त्याग और समर्पण गुण से प्रभु ने इसे निखारा है नारी है एक रूप निराला सबको लगे जो प्यार है। बहन बने जो भाई की तो कलाई में बंध जाती है रक्षा करने भाई की वो खुद आगे हो जाती है मां बने तो नाम ही वो है जो दुनिया से न्यारा है हर बच्चे को जिसने अपना दूध पिला के पाला है नारी है एक रूप निराला सबको लगे तो प्यार है। है हजारों रूप नारी के कभी राधा तो कभी मीरा बन जाती है दुष्टों का संहार वो करने मां चंडी बन जाती है इस दुनिया में हर प्राणी को देवी मां का सहारा है नारी है तो रूप निराला सबको लगे जो प्यारा है। बेटी बने वो जिस घर की उस घर की इज्जत बन जाती है सेवा कर वो मां बाप की हर कर्ज करती है जिस घर में वह है जाती उस घर को स्वर्ग बनाती है अर्धांगिनी बन वह अपने पति का हमेशा साथ निभाती है अपने घर को छोड़कर रहना कभी ना उसे गवारा है नारी है एक रूप निराला सबको लगे जो प्यारा है। Happy Women Day © श।यर देव Thakur"

 नारी
हे सुंदरता की देवी हुस्न से इसे संवारा है
 कोमल तन और शुद्ध मन से दुनिया में इसे उतारा है
 प्रेम त्याग और समर्पण गुण से प्रभु ने इसे निखारा है
 नारी है एक रूप निराला सबको लगे जो प्यार है।

बहन बने जो भाई की तो कलाई में बंध जाती है
रक्षा करने भाई की वो खुद आगे हो जाती है
मां बने तो नाम ही वो है जो दुनिया से न्यारा है
हर बच्चे को जिसने अपना दूध पिला के पाला है
 नारी है एक रूप निराला सबको लगे तो प्यार है।

 है हजारों रूप नारी के कभी राधा तो कभी मीरा बन जाती है
 दुष्टों का संहार वो करने मां चंडी बन जाती है
 इस दुनिया में हर प्राणी को देवी मां का सहारा है
 नारी है तो रूप निराला सबको लगे जो प्यारा है।

 बेटी बने वो जिस घर की उस घर की इज्जत बन जाती है
 सेवा कर वो मां बाप की हर कर्ज करती है
 जिस घर में वह है जाती उस घर को स्वर्ग बनाती है 
 अर्धांगिनी बन वह अपने पति का हमेशा साथ निभाती है
 अपने घर को छोड़कर रहना कभी ना उसे गवारा है
 नारी है एक रूप निराला सबको लगे जो प्यारा है।
Happy Women Day

©        श।यर देव Thakur

नारी हे सुंदरता की देवी हुस्न से इसे संवारा है कोमल तन और शुद्ध मन से दुनिया में इसे उतारा है प्रेम त्याग और समर्पण गुण से प्रभु ने इसे निखारा है नारी है एक रूप निराला सबको लगे जो प्यार है। बहन बने जो भाई की तो कलाई में बंध जाती है रक्षा करने भाई की वो खुद आगे हो जाती है मां बने तो नाम ही वो है जो दुनिया से न्यारा है हर बच्चे को जिसने अपना दूध पिला के पाला है नारी है एक रूप निराला सबको लगे तो प्यार है। है हजारों रूप नारी के कभी राधा तो कभी मीरा बन जाती है दुष्टों का संहार वो करने मां चंडी बन जाती है इस दुनिया में हर प्राणी को देवी मां का सहारा है नारी है तो रूप निराला सबको लगे जो प्यारा है। बेटी बने वो जिस घर की उस घर की इज्जत बन जाती है सेवा कर वो मां बाप की हर कर्ज करती है जिस घर में वह है जाती उस घर को स्वर्ग बनाती है अर्धांगिनी बन वह अपने पति का हमेशा साथ निभाती है अपने घर को छोड़कर रहना कभी ना उसे गवारा है नारी है एक रूप निराला सबको लगे जो प्यारा है। Happy Women Day © श।यर देव Thakur

Happy womens day
#Womens_Day

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