मै लिखता नही ज़नाब। लेकिन कभी कभी लिख लेता हूं। शु | हिंदी कविता Video
" मै लिखता नही ज़नाब। लेकिन कभी कभी लिख लेता हूं। शुकुन सा मिलता है । दिल की बातों को।
कागज़ पर उकेरने मे।
उस कलम के भी दर्द हलके हो जाते होंगे लिखने से।
इसीलिए उस कलम से भी कभी कभी दो बाते कह लेता हूं।
लोकेश पाल।"
मै लिखता नही ज़नाब। लेकिन कभी कभी लिख लेता हूं। शुकुन सा मिलता है । दिल की बातों को।
कागज़ पर उकेरने मे।
उस कलम के भी दर्द हलके हो जाते होंगे लिखने से।
इसीलिए उस कलम से भी कभी कभी दो बाते कह लेता हूं।
लोकेश पाल।