हजारों गम के मारे हैं हम दोनों,,
एक नदी के दो किनारे हैं हम दोनों,,
ख्वाब दोनों की आंखों में एक ही हैं,,
मिलते मिलते बिछड़ते हैं हम दोनों,,
ज़ख्म लेकर लोग फिर रहे थे दरबदर,,
मंजिल का ठिकाना है हम दोनों,,
बागों से खुशबू आती है इस कदर,,
एक दरख्त की दो डाली है हम दोनों,,
एक कहानी दुनिया में इस कदर गुजरी"मीर"
सब मर चुके हैं सिर्फ जिंदा है हम दोनों,,
@___ मीर अजनबी
©Mir Ajnabii
ek gazal aap sub ke hawaale
@nojoto