White तुम ये जो चैन की नींद सोए हो
क्या आंसुओं से कभी ख्वाब धोए हो
क्या किसी की इतनी याद आई है?
जो करवटें बदलकर रात बिताई है
जाना कैसे बीतता है वक्त इंतजार में
छोड़े जब कोई तड़पता मझधार में
क्या कभी इतनी तन्हाई छाई है?
जब रो रो कर तुमने नींद बुलाई है
अपनी तो ये रोज की आदत हो गई
इक तरफा मोहब्बत इबादत हो गई
खूब तरसे हम जिससे बात करने को
वो इसी बात से खफा हो कर सो गई
अब जागे रहे यूं तो आंखों से बहेगी
और गर सोए तो ख़्वाब में मिलेगी
वो भी मुझसे अपनी बात कहेगी
झूठ में सही दो पल मेरे साथ रहेगी
©Aarjav Mishra