"खुद की तलाश मे खोता सा जा रहा हूँ मैं
जो मिलता खुद से तो मिट सा रहा हूँ मैं,
ना जाने क्या है अरमानो के पहलू मे मेरे
जानने की कोशिश मे भूलता सा जा रहा हूँ मैं,
अब तो खुद से ही शिकस्त मे बिखरे से हैं हम
जी रहा हूँ य़ा नही बस जिए जा रहा हूँ मैं ||
©Ankur Kumar
"