दूसरे लड़को जैसे वो आज़ादी चाहती है, हर काम में वो | हिंदी कविता

"दूसरे लड़को जैसे वो आज़ादी चाहती है, हर काम में वो सबका हाथ बटाए, हर लोगों से वो कदम मिलाए, एक औरत बस यही तो चाहती है। मानती हूं कि हर जगह , महिलाओं को सुविधाएं दी जाती है, पर सारे विलासो के बावजूद भी , उनकी हकदारी ना बताई जाती है, आज भी देश के कुछ हिस्सों में , औरतें मर्दों से कम आँकी जाती है। नहीं मांगेगी तुमसे वो सारी सुविधाएं , वो बिना विलास के भी संतुष्ट हो जाती है, बस बदले में हक से बराबरी का दर्जा देना उसे, एक औरत बस यही तो चाहती है।"

 दूसरे लड़को जैसे वो आज़ादी चाहती है,
हर काम में वो सबका हाथ बटाए,
हर लोगों से वो कदम मिलाए,
एक औरत बस यही तो चाहती है।

 मानती हूं कि हर जगह ,
महिलाओं को सुविधाएं दी जाती है,
पर सारे विलासो के बावजूद भी ,
उनकी हकदारी ना बताई जाती है,
आज भी देश के कुछ हिस्सों में ,
औरतें मर्दों से कम आँकी जाती है।
नहीं मांगेगी तुमसे वो सारी सुविधाएं ,
वो बिना विलास के भी संतुष्ट हो जाती है,
बस बदले में हक से बराबरी का दर्जा देना उसे,
एक औरत बस यही तो चाहती है।

दूसरे लड़को जैसे वो आज़ादी चाहती है, हर काम में वो सबका हाथ बटाए, हर लोगों से वो कदम मिलाए, एक औरत बस यही तो चाहती है। मानती हूं कि हर जगह , महिलाओं को सुविधाएं दी जाती है, पर सारे विलासो के बावजूद भी , उनकी हकदारी ना बताई जाती है, आज भी देश के कुछ हिस्सों में , औरतें मर्दों से कम आँकी जाती है। नहीं मांगेगी तुमसे वो सारी सुविधाएं , वो बिना विलास के भी संतुष्ट हो जाती है, बस बदले में हक से बराबरी का दर्जा देना उसे, एक औरत बस यही तो चाहती है।

एक औरत बस यही तो चाहती है💕💙
#womensdayspecial

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